नाबालिग बालिका की बरामदगी के लिए पीड़ित परिवार का कलेक्ट्रेट में अनशन


गोंडा। अनुसूचित जाति की सोलह वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर को भगा ले जाने के मामले में पुलिस की निष्क्रियता से आक्रोशित पिता रोशन लाल और उनका परिवार कलेक्ट्रेट परिसर में अनशन पर बैठ गया है। रोशन लाल का आरोप है कि उनकी पुत्री को 7 मई की सुबह अंकुर, अंशिका दीक्षित और आरती देवी, निवासी सिचाई कॉलोनी, कोतवाली नगर, बहला-फुसलाकर भगा ले गए। उसी दिन उन्होंने कोतवाली नगर थाने में नामजद तहरीर दी, लेकिन विपक्षियों के राजनीतिक दबाव और धनबल के चलते पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। दो दिन बाद, 9 मई को तहरीर बदलवाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। दो माह बीतने के बावजूद न तो लड़की बरामद हुई और न ही आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई। 

रोशन लाल का कहना है कि पुलिस की लापरवाही से आरोपियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। उन्होंने मांग की है कि मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर आरोपियों के नाम मुकदमे में शामिल किए जाएं और उनकी पुत्री को जल्द बरामद कर कठोर कार्रवाई की जाए। रोशन लाल ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी पुत्री बरामद नहीं होती और आरोपियों के खिलाफ नामजद कार्रवाई नहीं होती, तब तक परिवार कलेक्ट्रेट में अनशन जारी रखेगा। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। जनता में भी इस मामले को लेकर रोष व्याप्त है, और लोग पीड़ित परिवार के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं। पुलिस प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि नाबालिग को सुरक्षित बरामद किया जा सके।

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